हमने हालात दीगर मांगे थे, मगर ऐसे भी किधर मांगे थे. हौसला मांग रहे थे खाली, पाँव मांगे थे, न पर मांगे थे. तुमने साहिल पे लाके छोड़ दिया, हमने तूफ़ान-ओ-लहर मांगे थे. रोज़ मंदिर नए बनाते हो, कुछ गरीबों ने भी घर मांगे थे. हमें तन्हाई के दिन रात मिले, वस्ल के शाम-ओ-सहर मांगे थे. आपने जोड़ दिए आगे से, हमने पीछे से सिफ़र मांगे थे