Friday, April 16, 2010

रंग मेरा भी कोई कम तो नहीं....


चाँद भी देख के शरमाता है,
रंग गोरा सभी को भाता है,

रंग मेरा भी कोई कम तो नहीं,
ये तेरे तिल से मेल खाता है,

बना के आइना घर में रख ले,
इसमें तेरा भला क्या जाता है,

कहीं आशिक तो नहीं है तेरा,
ये चाँद रोज़ छत पे आता है,

छुपा ले तिल ये अपने होठों का,
ये मुझे रात भर सताता है,

दिल है, इसे संभाल कर रखना,
इसकी आदत है फिसल जाता है.