Friday, May 8, 2009

मुझे अनजान बन के प्यार करो...

मेरी महबूब मेरी जान बनके प्यार करो,
.................आओ फिर से मुझे अनजान बनके प्यार करो।
एक तू ही मेरी तन्हाई का सहारा है,
एक तू ही तो इस दुनिया में सबसे प्यारा है,
मेरा अहम् मेरा गुमान बनके प्यार करो,
.................आओ फिर से मुझे अनजान बनके प्यार करो...
शाम एक रात में ढल जायेगी हौले हौले,
उम्र मुट्ठी से फिसल जायेगी हौले हौले,
मेरे वजूद की पहचान बनके प्यार करो,
.................आओ फिर से मुझे अनजान बनके प्यार करो...
मैंने जो वक़्त गुजारा है तेरी बाँहों में,
उसकी तस्वीर लिए बैठा हूँ निगाहों में,
मेरी किस्मत पे मेहरबान बनके प्यार करो,
.................आओ फिर से मुझे अनजान बनके प्यार करो...