Tuesday, February 17, 2009

यादों की धूल

तन्हाई में भी यादों का मेला सा हो गया।
आई जो तेरी याद अकेला सा हो गया॥

यादों की धूल छा गई घर में तेरे बगैर,
आँगन में भी चिडियों का बसेरा सा हो गया॥

तू सो गया तो सो गई दुनिया भी तेरे साथ,
खोली जो तूने आँख सवेरा सा हो गया॥

लो प्यार के अन्तिम पड़ाव पर पहुँच गए,
तू हो गई मुझ जैसी मैं तेरा सा हो गया॥

दिल को लगा के तूने ये क्या कर लिया 'अखिल',
जिंदगी भर का ये झमेला सा हो गया॥